हे नारी हैं तू तेजस्वी... हैं तू अप्रतिम.. तू अपने में संजोए हुए है एक अपार शक्ति जो नित दिन करती उजागर हर एक स्त्री की यही अपारशक्ती..जो रोशन करती है हर एक मन। दिखती है एक ज्योत तुझ में कराती जीवन संघर्ष और देती शान्ति की अनुभूति। पाती जीत, जब जब राह पकड़ती एक असीम विश्वास की डोर अपनी अपनी इच्छा पूर्ती और लक्ष्य के ओर , कदम उठाए चलती हैं नारी तू , संभलती खिलखिलाती, देती ऊर्जा , प्रेरणा हर उस व्यक्ति को जो लेकर सहारा और आसरा तेरा चल - बढता है अपने जीवन संघर्ष में हर स्तर पर ,पाने आनंद और यश हो कर प्रभावित देख इस नारी शक्ति का अपरंपार रूप।
अश्विनी श्रीखंडे