प्रगति
अथाह सागर में है ,अनंत अवसर,
उन्नती पथ पर, एक लगन मन में भर,
कर चिंतन - मनन, बन अचल, बन स्थिर,
यश की कामना कर, परिश्रम के बल पर
बन सफल, होकर मगन, होकर धुंद, भर - भर आनंद
अश्विनी
अथाह सागर में है ,अनंत अवसर,
उन्नती पथ पर, एक लगन मन में भर,
कर चिंतन - मनन, बन अचल, बन स्थिर,
यश की कामना कर, परिश्रम के बल पर
बन सफल, होकर मगन, होकर धुंद, भर - भर आनंद
अश्विनी
Really good to know that you dabble in poetry also...love it👍
ReplyDeleteThank you kalyani
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